नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसपर बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के बीच जबरदस्त बहस छिड़ गई है. अब इस विवाद की आग छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी देखने को मिल रही है. जिस तरह नए संसद भवन को लेकर कांग्रेस केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी है. इसके जवाब में बीजेपी छत्तीसगढ़ में नए विधानसभा के भूमि पूजन सोनिया गांधी और राहुल गांधी से करवाने का मामला उठा रही है. गुरुवार को बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने कहा की छत्तीसगढ़ में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नया रायपुर में बन रहे नए विधानसभा भूमिपूजन किया है।इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस पर और आरोप लगाया रहै कि कांग्रेस ने राज्यपाल का अपमान किया है. इसपर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है. अमित शाह ने कही यह बात अमित शाह ने कहा कि जब सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का उद्घाटन किया था, क्या वह सही था. जब झारखंड, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में ऐसा हुआ तो क्या सही था. लेकिन बीजेपी को लेकर ये लोग भ्रमफैला रहे है. कांग्रेस पार्टी और उनके साथी राजनीति करके एक गलत उदाहरण पेश कर रहे है.मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में आपने क्या किया? राज्यपाल को छत्तीसगढ़ विधानसभा के उद्घाटन के लिए नहीं बुलाया गया. रमन बोले सोनिया गांधी और राहुल गांधी से करवाया भूमि पूजन छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि अटल नगर में बन रहे नए विधानसभा भवन का भूमि पूजन हुआ, तब प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल भी आदिवासी समुदाय की अनुसुईया उइके थीं. ऐसे समय में राज्यपाल के हाथों भूमिपूजन की जगह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली से राहुल गांधी और सोनिया गांधी को बुलवाकर नए विधानसभा का भूमि पूजन करवाया, यहां तक कि शिलान्यास के पत्थर पर आदिवासी समुदाय की अनुसुइया उइके का नाम तक अंकित नहीं किया. कांग्रेस का जवाब मोदी सरकार की गलती पर पर्दा डालने की कोशिश बीजेपी की तरफ से छत्तीसगढ़ विधानसभा को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा कि रमन सिंह दलीय प्रतिबद्धता और मोदी को खुश करने की नीयत से गलत बयानी कर छत्तीसगढ़ की विधानसभा के शिलान्यास और राज्यपाल से जोड़कर मोदी सरकार की गलती पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शिलान्यास में राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही आमंत्रित थे. राज्यपाल व्यस्तता के कारण नहीं आई थी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक शामिल हुये थे.