एक ऐसा भी समर था जब शराब से सब कोई लबालब थे। आबकारी महकमा अपनी कमाई नहीं सम्हाल पा रहा था और मदिरा के शौकीनों के लिए दुकानें ब्रांडों से लबरेज़ थी। लेकिन अब सूबे के मयखानों में सिर्फ दो से तीन दिनों की शराब बची है। बड़े बड़े शहरों की प्रीमियम शॉप खाली हैं, मयखानों में माल ख़त्म होने को है और ब्रांडेड शराब की आवक बुरी तरह से ठप पड़ गई है। शराब के शौकीनों के लिए यह बुरी खबर है तो है ही प्रदेश के राजस्व को भी नुकसान होना तय है। शॉप मैनेजर का कहना है अगर आपूर्ति दुरुस्त नहीं हुई तो दो दिनों में तालाबंदी की नौबत आ जाएगी। आबकारी विभाग में शराब का यूं अकाल पड़ने की दो बड़ी वजह हैं। पहली वजह अचानक आई ED का शराब कारोबार पर छापेमार कार्रवाही और दूसरी वजह है नए वित्तीय वर्ष में लाइसेंस रिन्यूअल नहीं करवाए जाना। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लेकर बिलासपुर में सुरा प्रेमियों को शराब उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही साथ राजस्व विभाग को करोड़ों रु के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। यह आम चर्चा है कि 2000 रूपये से कम की लगभग सारी ब्रांडेड शराब ख़त्म हो गई है| पिछले लगभग कुछ दिनों से क ई शराब दुकानों में आबकारी विभाग के वाहन द्वारा शराब की डिलीवरी नहीं की गई है। स्टॉक में रखा माल भी ख़त्म होने को है ।