विधानसभा मे उठा विवादित शिक्षक नरेश चौहान का मामला

प्रतिनियुक्ति के तहत पढ़ाने आए शिक्षक नरेश चौहान सेजेश बरमकेला का शासन के नियमों का धज्जियां उड़ाने का मामला ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधानसभा में उठा,

पालक संघ ने विवादित शिक्षक को हटाने की मांग

जिले में दलाली कर माहौल खराब करने शिक्षक पर लग रहे आरोप

सारंगढ़।छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में सारंगढ़ जिले की पढ़ाई व्यस्त दुरुस्त करने का मामला स्थानीय जनहितैषी विधायक उतरी जांगड़े ने विधान सभा में उठाया। बरमकेला पालक संघ द्वारा लंबे समय से स्वामी आत्मानंद विद्यालय बरमकेला में प्रतिनियुक्ति के तहत बीजापुर से पढ़ाने के लिए नियुक्त शिक्षक नरेश चौहान मूल पद व्याख्याता को वापसी एवं अन्य इनके खिलाफ कई जांच करने शिकायत की गई थी।विभाग ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक से कर विधानसभा में उठाने का निवेदन किया। पालक संघ द्वारा बताया कि व्याख्याता नरेश चौहान की नियुक्ति जब से स्वामी आत्मानंद विद्यालय बरमकेला में हुई हैं एवं इस विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य का भी चार्ज लिया है, तब से लेकर आज तक कभी भी विद्यालय में बच्चों को नहीं पढ़ाया और हमेशा से जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्ट्रेट के आसपास से घूमते नजर आता है।यह स्वामी आत्मानंद विद्यालय बरम केला के प्रभारी प्राचार्य रहते जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्वामी आत्मानंद स्कूल का जिला प्रभारी बनकर आत्मानंद संविदा शिक्षक भर्ती प्रभारी बन गया, तत्पश्चात स्वामी आत्मानंद विद्यालय बरमकेला का प्राचार्य रहते प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी बन गया। वर्तमान beo को कलेक्टर द्वारा सस्पेंड किया गया, BEO हाइकोर्ट से स्टे ले आया,उस आदेश को भी नरेश चौहान दरकिनार कर तत्कालीन कलेक्टर के सह पर लगभग 6 महीने तक BEO बरमकेला के पद पर रहा, जबकि शासन प्रशासन का सीधा सरल नियम है कि प्रतिनियुक्ति में प्रतिनियुक्ति नहीं दी जाती। खासकर आत्मानंद विद्यालय में प्रतिनियुक्ति के तहत आए शिक्षकों को अन्य जगह पोस्टिंग नहीं दिए जाने का स्पष्ट निर्देश है। उसके बावजूद भी शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं हुए एक कदम आगे बढ़कर स्थाई जनपद सीईओ को हटवाकर नरेश चौहान व्याख्याता एलबी को जनपद पंचायत बिलाईगढ़ का प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी बन बैठा,जब मीडिया में बात उछली तो तत्कालीन कलेक्टर चौहान ने अपना आदेश वापस लिया और नरेश चौहान को वापस BEO बरमकेला बना दिया।नरेश चौहान का नियमों से खेलने का दौर यहीं खत्म नहीं हुआ तत्पश्चात यह नोडल अधिकारी समग्र शिक्षा जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ बन बैठा। अब जिला प्रशासन के सह पर प्रभारी जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा सारंगढ़ बिलाईगढ़ बन बैठा हैं,साथ ही आत्मानंद विद्यालय का प्राचार्य भी है। यह कर्मचारी अपने प्रतिनियुक्तिकाल में सेजेश विद्यालय में कभी भी ढंग से अध्यापन कार्य नहीं कराया,जबकि आत्मानंद विद्यालय में गुणवत्तापूर्वक शिक्षा देने ही शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति के तहत भेजा गया था एवं छत्तीसगढ़ शासन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलकर उत्कृष्ट शिक्षा का प्रबंध किया था,इस विद्यालय के माध्यम से बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा प्रदान करने ही विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति के तहत इस विद्यालय में भेजा गया था, लेकिन यह शिक्षक बीते 3 साल में कभी भी बच्चे को अध्यापन नहीं कराया। यह हमेशा जिला मुख्यालय में अधिकारियों के बीच घूमते नजर आते देखा जा रहा है। यह कर्मचारी लगातार शासन के नियमों को ताक में रखते हुए व्याख्याता से प्रभारी प्राचार्य,प्रभारी अधिकारी आत्मानंद विद्यालय जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़, विकासखंड शिक्षा अधिकारी बरमकेला,नोडल अधिकारी समग्र शिक्ष, जिला प्रभारी स्वामी आत्मानंद विद्यालय, जनपद सीईओ बिलाईगढ़, तत्पश्चात वर्तमान में जिला मिशन समन्वयक (DMC) जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ पद पर काबिज है। राज्य में यह पहला ऐसा जिला होगा,जहां एक कर्मचारी एक शासकीय पद में रहते,कई विभाग के प्रभारी बना है। यह कार्य शासन प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है।स्थानीय लोगो ने यह भी शिकायत में बताया कि नरेश चौहान शुरू से विवादित रहा है, पालक संघ बरमकेला द्वारा जन चौपाल में इसकी शिकायत की गई थी कि यह कर्मचारी पूर्व में नकली नोट में संलिप्त पाते हुए इसे 7 वर्ष तक जेल में रहा है।इसके बावजूद भी इनकी नौकरी कैसे लगी,इन बिंदुओं पर जांच की मांग की गई थी। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी एल पी पटेल ने दो सदस्य की एक जांच समिति बनाई,लेकिन यह कार्यवाही भी ठंडा बस्ती में चली गई,क्योंकि नरेश चौहान व्याख्याता को बड़े-बड़े अधिकारियों का संरक्षण जो प्राप्त है। लोगो से यह भी पता चला कि स्थानीय कलेक्टर उनके इस कृत्य में साथ भी दे रहा है।

यह भी शिकायत मिली है कि नरेश चौहान व्याख्याता LB द्वारा सारंगढ़ जिले में पोस्टिंग के दौरान अकूत बेनामी संपत्ति अर्जित की है और यह संपत्ति उनके परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम भी है। स्थानीय लोगों ने शिकायत किया है कि कि यह कर्मचारी लगातार प्रमुख पदों में प्रभारी रहते हुए कई भ्रष्टाचार को अंजाम दिया हैं। बीते 3 सालों में यह अपने व अपने परिवार के सदस्यों के नाम कितनी संपत्ति खरीदी है, यह भी जांच के विषय है। ऐसे विवादित शिक्षकों पर शिक्षा विभाग क्यों करवाई नहीं कर रही है,यह शिक्षा विभाग की उदासीनता को स्पष्ट बयान कर रहा है। ऐसे कर्मचारियों के ऊपर तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है ताकि कोई मनमानी न कर सके।

Ram Kishore Dubey
Ram Kishore Dubey

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