मीडिया की आड़ में वसूली बाजों से अफसर परेशान
पाखड़ चावल राशन दुकान को देने की सच्चाई
सारंगढ़ । जिले की पत्रकारिता वर्तमान दौर में बेहद खराब स्थिति से गुजर रही है , जो पत्रकार आजादी के पहले से आईना दिखाने का काम करते आ रहे थे और भारत की आजादी में अहम भूमिका अदा की है । अब उन्हें खुद को आईना देखने की जरूरत पड़ गई है, कारण इस क्षेत्र में गैर पत्रकार लोगों की तादाद का बढ़ना है। जिले में मीडिया क्षेत्र से सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं , लेकिन 90% लोगों ने पत्रकारिता को व्यवसाय बना कर रख दिया है । जो पत्रकारिता के आड़ में सिर्फ वसूली को अंजाम देना अपना धर्म समझ बैठे है । ऐसे लोग प्रतिदिन जिले के शासकीय कार्यालय में अधिकारी , कर्मचारियों को धमका कर विज्ञापन के नाम पर वसूली करने हैं । जबकि पत्रकारिता से उनका दूर दूर तक का वास्ता नहीं है । इन तथाकथित पत्रकारों के कारण पूरी पत्रकार बिरादरी बदनाम हो रही है । जिस पर प्रशासनिक लगाम जरूरी हो गया है ।
विदित हो कि – तथाकथित पत्रकार जो शासकिय राशन दुकान में पाखड़ चावल का वितरण किया जा रहा है। की शिकायत कलेक्टर मैडम से कियें । जिसकी जानकारी वरिष्ठ पत्रकारों को हुई। वरिष्ठ पत्रकार श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष यशवंत सिंह ठाकुर, रामकिशोर दुबे, मिलाप बरेठा, ओंकार वानी, दीपक थवाईत,भरत अग्रवाल सेंट्रल वेयर हाउस पहुंचे, जहां से जिला खाद्य अधिकारी ध्रुव से मोबाइल में चर्चा कियें, कि – श्रीमान आपके वेयरहाउस से पाखड़ चावल राशन दुकान को प्रदाय किया जा रहा है । हम सब निरीक्षण करना चाहते हैं कि – क्या वास्तव में पाखड़ चावल प्रदाय किया जा रहा है । ध्रुव साहब ने अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कि – मैं अभी व्यस्त हूं । आप लोग एक बार चावल जांच लें , छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन के अधिकारी सूर्यकांत शुक्ला और तकनीकी सहायक हरीश सोनी के साथ चावल गोडाउन पहुंचे । जहां थप्पी लगी लाटो से चावल का सैंपल लिए , चावल कहीं पर से पाखंड नहीं था । पत्रकार यशवंत सिंह ठाकुर के पूछे जाने पर की यह छोटी छल्ली और लगी हुई बड़ी छल्ली इसमें अंतर क्या है ? तो अधिकारी ने बताया कि – यह छोटी छल्ली जो लगी है अभी इसका निरीक्षण ,जाँच नहीं किया गया है और यह जो बड़ी छल्ली दिखाई दे रही है इनका जांच उपरांत स्टोरेज किया गया है । सारे पत्रकार वहां से वापस आ गए और उस पोर्टल वाला जो पाखंड चावल राशन दुकान में दिए जाने की शिकायत किया था उसकी तलाश कर रहे हैं ।क्योंकि उस एक के चलते पूरा पत्रकार बिरादरी को बदनामी झेलनी पड़ रही है ।
जिले में कई तथाकथित पत्रकार ऐसे भी हैं । जो इलेक्ट्रॉनिक चैनल, यूट्यूब चैनल, वेब पोर्टल का प्रतिनिधि बन गए हैं , तथा इसकी आड़ में जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं । इस वजह से जिले की पत्रकारिता पूरी तरह खराब हो चुकी है , तो वही मीडिया क्षेत्र इन जैसे लोगों के लिए केवल अवैध वसूली का जरिया बन चुका है । सही पत्रकार सूचना लेने और देने का काम करता है ना कि – इसकी आड़ में अवैध वसूली करता है । इस बात को शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों सहित ग्राम पंचायत ,जनपद पंचायत के बीडीसी , सरपंच , सचिव व अन्य संस्थानों से जुड़े लोगों को समझना होगा । कोई भी और पत्रकार आपसे जान कारी की मांग करता है तो जितनी जानकारी आपके पास उपलब्ध हो और देने योग्य हो उसे ही पत्रकार को उपलब्ध कराएं । क्योंकि शासकीय राशन दुकान में बिक रहे पाखंड चावल की सच्चाई पत्रकारों के सामने आ गई है ।