भारतीय संविधान में समाचार पत्र की अहम भूमिका – विजय तिवारी

सारंगढ़ । नवगठित सारंगढ़ जिला में साप्ताहिक अखबार सारंगढ़ खबर के विमोचन समारोह में शामिल हो अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विजय कुमार तिवारी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में सारंगढ़ खबर के संपादक श्री रवि तिवारी को शुभकामनाएं देते हुए कहे कि – भारत के संविधान में चार स्तम्भ है पहला विधायिका, दुसरा कार्य पालिका,तीसरा न्यायपालिका और चौथा पत्रकारिता।विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानून का पालन करती, करवाती है और न्यायपालिका कानून के उलंघन करने वाले को शक्ति के साथ दंडित करती है। समाचार पत्र जनता को जानकारी देती है कि – संविधान के तीनों स्तम्भ अपनी – अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन निष्ठापूर्वक कर रहीं है अथवा नहीं ? को देखती है,किस जगह कानून का उल्लंघन हो रहा है । जिसे उजागर कर सबको बताती है। समाचार पत्र जनता एवं शासन के मध्य सेतू का कार्य करती है , तथा जनता मीडिया के माध्यम से जानकारी प्राप्त करती है।

तिवारी ने आगे बताया कि – पत्रकारिता, मिडिया के तीन माध्यम में होते हैं पहला लिखित, दुसरा मौखिक और तीसरा दृश्य तीनों ही माध्यमों से मीडिया को देखा जाता है, मिडिया सुचना का माध्यम है । भारतीय संविधान में मीडिया की आजादी अर्थात अभि व्यक्ति की आजादी को अनुच्छेद 19 (1) क, के तहत अधिकार दिया गया है। आगे अपने उद्बोधन में भारतीय प्रेस के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुए तिवारी ने कहा कि – भारत में प्रथम बार 1554 में पुर्तगालियों ने प्रिटीग प्रेस (छपाई का मशीन) मुम्बई एवं गोवा में स्थापित किया था । जिसमें सिर्फ पुस्तकें छपा करते थे।

समाचार पत्र ने बहुत उतार चढ़ाव देखा उसके बाद प्रथम वर्तमान प्रेस भारतीय समाचार पत्र का शुरुवात जेम्स अगस्त हींकी ने सन् 1780 में बंगाल गजट के नाम पर अंग्रेजी भाषा में किया था के पश्चात इण्डिया गजट नामक समाचार पत्र प्रकाशित हुआ और आगे चलकर इसी समाचार पत्र बंगाल गजट की जिम्मेदारी राजा राममोहन राय ने सम्हाला फिर ईश्वर चंद्र विद्यासागर फिर किष्टो दास पाल ने प्रेस की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था ।इसी कारण श्री पाल को भारत में पत्रकारिता का राजकुमार कहा जाता है। 1816 में श्री गंगाधर भट्टाचार्य जी ने समाचार पत्र का प्रकाशन किया । जिसका भी नाम बंगाल गजट था। भारतीय भाषा में समाचार पत्र निकालने का श्रेय मार्कमेन को जाता है। सन् 1818 में समाचार पत्रों को आधुनिक रूप देने का श्रेय श्री बरकींघम को जाता है । जिन्होंने समाचार को मनुष्य का दर्पण कहा।

श्री राजाराम मोहन राय ने राष्ट्रीय प्रेस की स्थापना किया था और संवाद कमौदी नामक समाचार पत्र प्रकाशित किया तथा पत्रकार को अग्रदूत योद्धा ,आग में कूदने वाला कहा है। श्री तिवारी जी ने कहा मेरी जानकारी के अनुसार भारत का प्रथम हिंदी समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड नामक समाचार पत्र रहा है । जिसका संपादक श्री जुगल किशोर शुक्ल रहें हैं। विजय तिवारी ने कहा कि – साप्ताहिक अखबार सारंगढ़ खबर के संपादक रवि तिवारी की ओर नजर डालते हुए कहे कि – समाचार पत्र के पवित्र भाव, दायित्व व कर्त्तव्य का निर्वहन कर आप भी पत्रकारिता जगत का राजकुमार बनें और सारंगढ़ क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका अदा करें ।

Ram Kishore Dubey
Ram Kishore Dubey

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