मौसमी बीमारी के अधिक्तर लक्षण बच्चों मे आ रहे

***मौसमी बीमारियों के बढ़े मरीज
बच्चों में आ रहे अधिकतर लक्षण****
****(सजगता ही बचाएगी मौसमी बीमारियों से : डॉ. ताराचंद पटेल*****
रायगढ़ 24 सितंबर 2021. कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद से ही शहर में मौसमी बीमारियों समेत जलजनित बीमारियों ने अचानक पैर पसार दिया है। कोरोना के कमजोर पड़ने के बाद अब शहरवासियों ने भी बाजारों में निकलना शुरू किया है। गणपति उत्सव के दौरान भी लोगों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया, लेकिन इसके अगले दिन से ही शहर के सभी अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण भी इन दिनों वायरल इन्फेक्शन व मच्छरजन्य रोगों के साथ-साथ अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं।
 
बच्चों से लेकर बड़ों तक सबसे ज्यादा शिकायत वायरल से पीडि़त मरीजों की है। बुखार से पीडि़त मरीज बदन दर्द, खांसी और गले में दर्द की परेशानी डॉक्टर्स को बता रहे हैं। मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश की वजह से जगह-जगह पर जलभराव और गंदगी होने से मच्छर और खतरनाक बैक्टीरिया जन्म ले लेते हैं। पानी और हवा के जरिए बीमार करने वाले बैक्टीरिया खाने और शरीर तक पहुँचते हैं, जिसके बाद बुखार और फ़्लू जैसी बीमारियाँ होने का खतरा ज्यादा रहता है। इस मौसम में वायरल से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतने की जरूरत है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. योगेश पटेल बताते हैं, “संक्रामक बीमारियों के लक्षण और बचाव के लिए पूरे जिले में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जागरूकता वैन के द्वारा इसके सुरक्षित रहने के उपाय बताए जा रहे हैं। आगामी एक महीने या जब तक बारिश के आसार हैं तब तक लोगों को सजग रहना बेहद जरूरी है। सभी शासकीय अस्पताल में मौसमी बीमारियों से संबंधित मरीजों की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है।लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। ”

स्वयं ना बनें डॉक्टर तुरंत लें डॉक्टर की राय
वर्तमान समय में शहर के सरकारी और निजी अस्पताल में कई बच्चों को इलाज में देरी की वजह से भर्ती करना पड़ रहा है । डॉक्टर्स का मानना है कि बच्चों के उपचार में देरी के कारण बच्चों की हालत गंभीर हो जाती है। इसका मुख्य कारण यह है कि लोग शुरुआत में खुद से ही इलाज करने लग जाते हैं और गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर जाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि बच्चों में कोई भी समस्या होने पर तुरंत ही चिकित्सक को दिखाना चाहिए इससे गंभीर स्थति से बचा जा सकता है। 

एहतियात बरतें, पौष्टिक आहार लें : डॉक्टर बहिदार
स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर राघवेंद्र बहिदार बताते हैं “वायरल फीवर अधिकतर युवाओं एवं बच्चों में देखा जा रहा है। घर से बाहर निकलकर घूमने वालों में लक्षण अधिक पाए जा रहे हैं। घर के अंदर रहने वाले लोग इसमें अधिक सुरक्षित हैं। घर से बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर पहने। चिकित्सक से परामर्श के बाद ही दवा लेकर खानी चाहिए। अपने से कोई भी एंटीबायोटिक्स लेकर नहीं खा लेनी चाहिए। 6-7 दिन तक एहतियात बरते और पौष्टिक आहार लेते रहें।“

बच्चों में फीवर और डायरिया 
मौसमी बीमारियों की जकड़ में बच्चे भी आ रहे हैं।कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा फीवर और डायरिया के मामले देखे जा रहे हैं। इसके अलावा बदन दर्द, पीलिया, टाइफाइड से पीड़ित बच्चे भी शिशु रोग विभाग में आ रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ताराचंद पटेल के अनुसार बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए पालकों को भी सजग रहने की जरूरत है। मौसम बदलने के कारण सर्दी खांसी जुकाम बुखार की समस्या बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है प्रतिरोधक क्षमता का कम होना। जिसके कारण मौसमी बीमारियों के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।

Ram Kishore Dubey
Ram Kishore Dubey

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