एनपीएस में सुधार का ताजा प्रस्ताव आधा अधूरा अपर्याप्त ,राज्य में लागू हो पुरानी पेंशन योजना।
सुहेला:- पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने 15 नवंबर को केंद्र सरकार को नई पेंशन प्रणाली एनपीएस के तहत नियोक्ताओं के 14% की योगदान को सभी श्रेणी के अनुसार के लिए कर मुक्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है !छत्तीसगढ़ विद्यालयीन शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय तिवारी ने पेंशन कोष एवं विकास प्राधिकरण की ताजा प्रस्ताव का स्वागत किया है, किंतु इसे अपर्याप्त आधा अधूरा एवं असामयिक बताते हुए पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल किए जाने की मांग की है ।प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन में नियोक्ताओं के 14% योगदान को एक अप्रैल 2019 से कर मुक्त कर दिया गया था, तथा वर्तमान में यह लाभ केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलता है। वर्तमान में 2004 में परिवर्तित नई पेंशन योजना का छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में एन एम ओ पी एस के बैनर तले जमकर विरोध हो रहा है ।इसे देखते हुए पेंशन कोष नियामक प्राधिकरण में 1 अप्रैल 2021 से राज्य शासन हुआ कारपोरेट इकाइयों के कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं के 14% योगदान को कर मुक्त करने का प्रस्ताव भेज दिया है ।इस पर 2020 -2021 के बजट सत्र में रखे जाने के बाद राज्य शासन के कर्मचारियों पर भी लागू हो सकेगा । छत्तीसगढ़ विद्यालय शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों उमेश साहू ,नवीन चंद्राकर, भरत तंबोली, देवी प्रसाद ध्रुव ,रोहित साहू और निराला ने राज्य शासन के कर्मचारियों के पेंशन का मुद्दा संविधान की राज्य सूची का विषय बताते हुए छत्तीसगढ़ शासन के घोषणापत्र के अनुरूप प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना शीघ्र बहाल किए जाने की मांग की है ।महासचिव देवी प्रसाद ध्रुव ने बताया कि प्राधिकरण ने अपने ताजा प्रस्ताव को में एनपीएस को शेयर आधारित बाजार से जुड़े होने के कारण बेहतर रिटर्न देने वाला बताया है ,जो कि पपूर्णतःअसत्य ,भ्रामक एवं कर्मचारियों के आंखों में धूल झोंकने वाला बताया है। संघ के जिलाध्यक्ष गणेश चंद्राकर, शत्रुघन यादव , मंगल मूर्ति सोनी ,संतोष विश्वकर्मा ,गिरीश वर्मा ,अरविंद चंद्रवंशी ,लोचन साहू ,प्रेम शंकर ध्रुव , तीरथ नारायण बंजारे, मनीराम साहू ,भागीरथी वर्मा ,अशोक वर्मा ,प्रकाश साहू सहित तमाम पदाधिकारियों ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार से पश्चिम बंगाल की तहत पुरानी पेंशन योजना अपने चुनाव घोषणा पत्र के अनुरूप लागू करने की मांग की है। पदाधिकारियों ने बताया कि 1 नवंबर 2004 को जब केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की थी, तब भी शासनादेश में कहा गया था कि राज्य सरकार चाहे तो एनपीएस के बजाए ओ पी एस की योजना अपने राज्य में लागू कर सकती हैं। तदनुसार पश्चिम बंगाल राज्य में एनपीएस लागू ही नहीं किया। संघ पदाधिकारियों ने नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम के विजय बंधु ,राकेश सिंह, रियाज अंसारी आदि की प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि संघ ने 2016 में आंदोलन किया तो नियोक्ता का अंशदान 12% से बढ़ाकर 14% किया गया तथा नियोक्ता का अंशदान कर मुक्त करने का प्रस्ताव है। संघ में टियर -1और टियर-2 में सुधार को भी नाकाफी बताते हुए राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने तक संघर्ष जारी रखने की बात दोहराई है।साथ ही सभी नई पेंशन योजना के लाभार्थी कर्मचारियों को एक मंच में आकर संघर्ष करने का आव्हान किया है।