प्रदेश में बिगड़ चुकी है कानून व्यवस्था मुख्यमंत्री इस्तीफा दे – मालाकार
सारंगढ़ । जिला कांग्रेस कमेटी सारंगढ़ बिलाईगढ़ अध्यक्ष अरुण मालाकार द्वारा बताया गया कि – बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरु चरण मंडल की मौत हो गयी । पुलिस का दावा है कि – मृतक गुरूचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है। सारे तथ्य बताते है बलरामपुर युवक गुरूचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है । मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। गुरू चरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था,मृतक के परिजनों का कहना है कि – पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था। पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं । पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा है। उसी बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।
अरुण ने कहा कि – सरकार से हमारा यह सवाल है किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तकहिरासत में नहीं रख सकती गुरूचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के अंदर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किए क्यों ? मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया जबकि – उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी ? मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया ? मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे । पुलिस जलाना क्यों चाहती थी ।हालांकि – बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।
मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया ?
मालाकार ने सरकार से कहें कि – हमारी मांग है की इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एस डी ओ पी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है । उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये। मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बनाकर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये। मृतक के परिवार को 1 करोड़ की राशि मुआवजा दिया जाये ।
प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मे दारी लेकर मुख्यमंत्री त्याग पत्र दे, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।
कानून व्यवस्था महत्वपूर्ण बिन्दु है कहते हुए अरुण ने कहा कि – राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि – राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये।
विदित हो कि – जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये । बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अर्कमण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।
जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावना पूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई है। पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी , कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया । सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड़ ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया । उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया ।
सीतापुर में पुलिस की लापर वाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया। यह सारी घटनायें बताती है कि – भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है। सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है । 4 एसपी और कलेक्टर, दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है ? मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि – उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।