सीएम ने कहा–यहां के अधिकारी-कर्मचारियों से मारपीट कर रहे, खाना नहीं दे रहे, भाजपा के उद्देश्य की पूर्ति ईडी कर रही… ED कर रही थर्ड डिग्री का इस्तेमाल: सीएम ने कहा–यहां के अधिकारी-कर्मचारियों से मारपीट कर रहे, खाना नहीं दे रहे, भाजपा के उद्देश्य की पूर्ति ईडी कर रही… रायपुर. छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के कथित शराब घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई पर सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ईडी के लोग दुर्व्यवहार कर रहे हैं. उनसे मारपीट कर रहे हैं. खाना नहीं दे रहे हैं. सोने नहीं दे रहे हैं. थर्ड डिग्री टॉर्चर कर रहे हैं. यह गलत है. उनके कारण सभी विभागों का कार्य प्रभावित हो रहा है. भाजपा का जो मूल उद्देश्य है, उसकी पूर्ति ईडी कर रही है. राजधानी में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार अच्छा काम कर रही है. आप लोग भी समाज के बीच 24 घंटे रहते हैं. समाज का कौन सा वर्ग है, जो हमारी सरकार से नाराज है? किसान, मजदूर, आदिवासी, महिला, अनुसूचित जाति के लोग हों, व्यापारी हों, उद्योगपति ऐसा कौन सा वर्ग है, जो सरकार से नाराज है… सरकार से सभी खुश हैं. इन चार साढ़े चार सालों में कोरोना होने के बाद भी कभी किसी को यह नहीं लगा कि सरकार हमारे साथ खड़ी नहीं है. हर वर्ग को लगता है कि हमारी सरकार है और हमारे लिए काम कर रही है. ऐसे में भाजपा का एजेंडा है कि सरकार को काम करने मत दो, सरकार को बदनाम करो. इस प्रकार के रवैए के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है, क्योंकि वे तो निरंकुश हो गए हैं. अब उसके बाद भी नहीं सुधरे तो सुप्रीम कोर्ट तो है ही, देख रहा है. इस प्रकार जो अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं. कल कपिल सिब्बल साहब ने कोर्ट में अच्छी बात कही कि चुनाव आ रहा है, इसलिए ऐसी हरकत कर रहे हैं. अभी जो शराब के मामले में ईडी जांच कर रही है, आईटी ने 2020 में कर ली थी. सारे लोगों के बयान ले लिए थे. उसमें कुछ हुआ नहीं. अब उसी वाट्सएप को लेकर, उन्हीं लोगों को पकड़कर पीट-पीट के उनसे जबर्दस्ती बोलवाया जा रहा है. एक आदमी यदि दबाव में आ गया और आपका नाम ले दिया, किसी का भी नाम ले लिया तो चूंकि उन्होंने कहा है, इसलिए आपके पास पहुंच गए. आप किसी और का नाम ले दें तो उसके पास पहुंच गए. अच्छा हुआ कि किसी ने भाजपा नेताओं का नाम नहीं लिया, फिर पता नहीं क्या करते?