
रायगढ़, 8 अप्रैल 2022/ महिला संरक्षण अधिकारी के माध्यम से सखी सेंटर रायगढ़ में दिनांक 23 दिसम्बर 2021 को प्रकरण प्राप्त हुआ। जिसमें आवेदिका का विवाह वर्ष 2016 सामाजिक रीति रिवाजों से अनावेदक के साथ से हुआ था व वर्तमान में आवेदिका का 3 वर्ष का पुत्र है। विवाह ढाई माह पश्चात ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज को लेकर आवेदिका को प्रताडि़त किया जाने लगा। परिवार में आये दिन विवाद होने के कारण अनावेदक (पति) द्वारा स्वयं ही आपसी सहमति से परिवार से अलग उसी घर में आवेदिका व बच्चे के साथ रहने लगे। उसके बाद भी ससुराल पक्ष द्वारा आवेदिका को परेशान किया जाता रहा है व पड़ोसियों को आवेदिका से बातचीत करने आवश्यक समान लिये मना किया गया व अनावेदक (पति) द्वारा पुन: आवेदिका व पुत्र को शारीरिक क्षति पहुंचाने का प्रयास किया गया जिसके बाद दोनों पक्षों का पारिवारिक समझौता करने के बाद भी अनावेदक में कोई सुधार नहीं हुआ व आवेदिका को घर से निकाल दिया गया। जिसके बाद आवेदिका द्वारा थाना सारंगढ़ में शिकायत दर्ज करवाया। अगस्त 2021 से अनावेदक द्वारा घर से निकाले जाने के कारण आवेदिका 4 माह से मायके में निवासरत थी। सखी सेंटर में प्रकरण दर्ज होने के पश्चात सखी द्वारा अनावेदक को महिला संरक्षण अधिकारी व सखी द्वारा समझाईस दिया गया जिसके पश्चात दोनो पक्षों का समझौता हुआ व आवेदिका अपने ससुराल पिपरिया जिला-नरसिंगपुर (म.प्र.) पति के साथ रहने लगी व आवेदिका को नरसिंहपुर (म.प्र.) के सखी सेंटर की जानकारी उपलब्ध कराई गई व लगभग 3 माह तक दोनो पक्षों को फॉलोअप में रखा गया। वर्तमान में अनावेदक समझाईश उपरांत अपना व्यापार भाई से पृथक कर लिये है व आवेदिका व पुत्र के साथ प्रेमपूर्वक रह रहे हैं, उक्त संपूर्ण कार्यवाही जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर किया गया