सारंगढ़।सूचना का अधिकार कानून मजाक बनकर रह गया है इसे सरकारी अधिकारी और कार्यालयों में मजाक बनाकर रख दिया है वह ना तो इसे गंभीरता से लेते हैं और ना ही जानकारी देते हैं अधिकारी कर्मचारी इस कानून को इतने हल्के में लेते हैं जैसे यह कानून ना होकर कोई मजाक हो और आरटीआई कार्यकर्ता ने इसे मजाक मजाक में लगा दिया है ऐसा मानते हैं जनपद पंचायत में तो इसे सर्कस का जोकर बना दिया ना तो यहां कोई समय पर जानकारी देता है ना सुनवाई होती है मजे की बात तो यह है कि यहां सुनवाई जन सूचना अधिकारी नहीं यहां का बाबू ही कर देता है लोक सूचना अधिकारी सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी आजकल विकास कार्यों की देखरेख में इतने व्यस्त हैं कि बाकी जरूरी कामों में उनका ध्यान ही नहीं जा रहा है केंद्र सरकार ने इस कानून के जरिए सरकारी दफ्तरों में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने और अधिकारियों के काले कारनामों को सामने लाने की जो मंशा सामने रखकर कानून बनाया था उससे यह कानून कोसों दूर रह गया है क्योंकि अधिकारी और शासकीय कार्यालय आवेदक को किसी भी प्रकार की जानकारी देने के लिए इतना धुमाते हैं कि आवेदक जानकारी लेना ही छोड़ देता है सूचना कानून का ऐसा भद्दा मजाक शायद इतिहास में किसी ने नहीं उड़ाया होगा जैसा सारंगढ़ जनपद पंचायत में उड़ाया जा रहा है यहां के अधिकारियों कर्मचारियों को न तो कानून का डर है और ना ही आयोग का। क्षेत्र के आरटीआई कार्यकर्ता वरिष्ठ पत्रकार ने सारंगढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाले विषय मैं सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने के लिए आवेदन लगायाथा लेकिन तय सीमा तो छोड़िए 2 माह में भी उन्हें जानकारी प्राप्त नहीं हुई आरटीआई को लागू हुए 16 वर्ष हो गया है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने में करते हैं कोताही। आरटीआई कार्यकर्ता विश्वनाथ गुरु सारंगढ़ ने जनपद पंचायत सारंगढ़ के लोक सूचना अधिकारी सह
मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सूचना का अधिकार के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था उनके द्वारा किसी प्रकार की सूचना अथवा जानकारी नहीं दी गई तब आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायगढ़ जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़ को प्रथम अपील प्रस्तुत किया उनके द्वारा लोक सूचना अधिकारी को जानकारी प्रदान करने हेतु सुनवाई सूचना पत्र में अवगत कराते हुए जिला कार्यालय में उपस्थित होने के लिए सूचित किया गया किंतु सुनवाई दिवस को मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित नहीं रहे तत्पश्चात जिला पंचायत सीईओ के द्वारा द्वितीय सूचना पत्र में लोक सूचना अधिकारी को सूचित किया गया कि आवेदक/ अपीलार्थी को उनके द्वारा चाही
गई जानकारी अविलंब उपलब्ध कराते हुए इस कार्यालय को सूचित करें किंतु लोक सूचना अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ ने उनके आदेश का पालन ना करते हुए आवेदक को किसी प्रकार की सूचना अथवा जानकारी नहीं दी गई।
उपरोक्त मामले में आवेदक/अपीलार्थी
विश्वनाथगुरु ने लोक सूचना अधिकारी सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सारंगढ़ के विरुद्ध अंतिम विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के समक्ष समस्त दस्ता
वेजों के साथ याचिका दायर करने का निश्चय कर लिया है ज्ञात हो कि सूचना के अधिकार के तहत निराकृत व निर्णित प्रकरणों की प्रतियां भी मुख्य सूचना आयुक्त के नेतृत्व में विधानसभा पटल के समक्ष भी उपलब्ध कराया जाता है जिसकी तनिक परवाह भी अधिकारी वर्ग नहीं करते हैं।