सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड तैयार करने के निर्देश
मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में सीसीटीवी शुरू करने के कलेक्टर श्री सिंह ने दिए निर्देश
कलेक्टर श्री सिंह ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक
रायगढ़, 23 अप्रैल2021/ कोविड संक्रमण के नियंत्रण व रोकथाम के संबंध में कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कोविड मरीजों के उपचार के लिए सारंगढ़ के 50 बिस्तर अस्पताल को ऑक्सिजनेटेड बेड बनाने व लैलूंगा में 25 बिस्तर व तमनार में जिंदल अस्पताल का अधिग्रहण करने के निर्देश दिए।
लोइंग अस्पताल को जल्द शुरू करने तथा चोड़ा खरसिया में भी ऑक्सिजनेटेड बेड बढ़ाने के लिए कहा। नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज एवं अन्य कोविड अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले डॉक्टरों को तत्काल ड्यूटी जॉइन करने हेतु निर्देशित करने के लिए कहा। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने मेडिकल कॉलेज कोविड वार्ड के सीसीटीवी को शुरू करने के निर्देश मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में कोरोना रोकथाम, नियंत्रण, वैक्सीनेशन और इलाज सुविधाओं की समीक्षा की। कलेक्टर श्री सिंह ने इस दौरान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड मरीजों के इलाज सुविधा शुरू करने के निर्देश सीएमएचओ डॉक्टर एस.एन.केसरी को दिए।
कोविड इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज, केआईटी में डॉक्टर सहित स्टाफ नर्स की संख्या बढ़ाने की मांग प्रबंधन ने की। जिस पर कलेक्टर श्री सिंह ने हाल ही में बांड के आधार पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के नियुक्ति पत्र जारी करने संबंधित जानकारी ली। कलेक्टर श्री सिंह ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले डॉक्टरों को तत्काल ड्यूटी जॉइन करने के लिए निर्देशित करने को कहा। इसी तरह शासकीय एवं निजी नर्सिंग कॉलेज की नर्सिंग छात्राओं की ड्यूटी कोविड हॉस्पिटल में लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने मेडिकल कॉलेज, केआईटी सहित निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजनेटेड एवं आईसीयू बेड अतिरिक्त बढ़ाने की बात कही। कलेक्टर श्री सिंह ने शासन के निर्देशानुसार डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता व आयुष्मान भारत योजना के तहत कोविड का उपचार कर रहे सभी निजी अस्पतालों में उपलब्ध बेड का 20 प्रतिशत बेड योजना के हितग्राहियों के इलाज के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान निजी अस्पतालों द्वारा इन योजनाओं के तहत मरीजों का इलाज नहीं करने की बातें सामने आई। इस पर कलेक्टर श्री भीम सिंह ने सभी निजी अस्पताल प्रबंधकों को इन योजना के हितग्राही कोविड मरीजों का इलाज योजना के तहत ही करने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं करने पर निजी हॉस्पिटलों के लाइसेंस कैंसिल करने संबंधित कार्रवाई करने की बात कलेक्टर श्री सिंह ने कही। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी सीएचसी में कोविड मरीजों के इलाज व्यवस्था करने और सीएससी में 20-20 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के निर्देश सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केसरी को दिए।
उन्होंने कांटेक्ट ट्रेसिंग की टीम की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। बस या ट्रेन से आने वाले यात्रियों की जांच व निर्देशानुसार उनको क्वारेन्टीन करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कहा। कोविड अस्पतालों की व्यवस्था देख रहे नोडल अधिकारी को प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण कर चेक लिस्ट के अनुसार रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था के लिए एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा को प्रभारी अधिकारी बनाने के निर्देश दिए। केआईटी में भी बाइपेप मशीन देने के लिये कहा। बैठक में एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा, डिप्टी कलेक्टर श्री वर्मा सहित जिले के कोविड नोडल अधिकारी, निजी अस्पताल प्रबंधन, ऑक्सीजन सप्लायर आदि उपस्थित थे।
सीमा सील करने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने जिले से लगे दूसरे प्रदेश की सीमा को पूर्णत: सील करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बिना जांच के कोई भी दूसरे राज्य की सीमा से जिले में प्रवेश ना करें ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य अधिकारियों को दिए।
ऑक्सीजन लेवल को लेकर जागरूकता लाने के निर्देश
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में कोविड से होने वाली मौतों की समीक्षा की। इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि मरीज लक्षण होने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने पर देर कर रहे हैं, वही ऑक्सीजन सैचुरेशन गंभीर होने पर ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। इस पर कलेक्टर श्री सिंह ने ऑक्सीजन का लेवल ऑक्सीमीटर से मापने के लिए जनजागरूकता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसको लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार व वाल राइटिंग कराने के निर्देश सभी बीएमओ को दिए। गांवों में मितानिनों को ऑक्सीमीटर व दवाई का किट उपलब्ध करवाने के लिये कहा। जिससे लक्षणयुक्त मरीजों की ऑक्सीजन लेवल की जांच व रिपोर्ट नही मिलने पर लक्षण के आधार पर दवा प्रारम्भ की जा सके।