लंबित न्यायालयीन प्रकरणों का निपटारा प्राथमिकता से करें-कलेक्टर श्री भीम सिंह
कलेक्टर ने की राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा
रायगढ़, 26 सितम्बर2020/ कलेक्टर श्री भीम सिंह की अध्यक्षता में आज जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में संपन्न हुई। जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदार वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुये। कलेक्टर श्री सिंह ने राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और राजस्व अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि शासकीय विभागों में सबसे ज्यादा अधिकार राजस्व अधिकारियों को प्राप्त है इसलिये सबसे ज्यादा जिम्मेदारी भी राजस्व अधिकारियों को निभानी है और ये सभी अधिकार आम नागरिकों की समस्या हल करने के लिये प्राप्त है इनका सार्थक उपयोग होना चाहिये। राजस्व अधिकारियों को आम नागरिकों के जमीन सीमांकन, बटवारा, नामांतरण और उत्तराधिकार संबंधी विवादों का निपटारा करने के लिये न्यायालयीन प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है इसलिये आपकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि शासकीय नियमों को ध्यान रखते हुये न्याय की दृष्टि से जो सही लगे वहीं करें यदि आपके द्वारा किसी प्रकरण में गलत निर्णय दिया जाता है तो ऊपरी जांच मेंआपके विरूद्ध कार्यवाही हो सकती है। राजस्व अधिकारी अपने न्यायालयों की गरिमा बनाये रखें जिससे आम नागरिकों के मन में शासन के प्रति विश्वास बना रहे और प्रकरणों की सुनवाई के लिये सभी पक्षकारों को पर्याप्त समय मिलना चाहिये तथा न्यायालयीन कार्यों में एजेंट की भूमिका वाले व्यक्तियों को दूर रखे।
कलेक्टर श्री सिंह ने तहसील स्तर से जिला स्तर पर न्यायालयीन आदेश के लिये एक माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुये संख्यात्मक जानकारी विलंब के कारण सहित प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि न्यायालय में तारीख दी जाये उस पर सुनवाई होनी चाहिये। कलेक्टर श्री सिंह ने 2 वर्ष, एक वर्ष और 6 माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व अधिकारी निर्धारित तारीख और समय पर अपने न्यायालयों में सुनवाई सुनिश्चित करें। यदि किसी प्रशासनिक कार्य से निर्धारित तारीख पर सुनवाई नहीं करनी है तो इस आशय की सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से प्रसारित करायें जिससे दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीणों और अधिवक्ताओं को अनावश्यक परेशानी नहीं होगी।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिले में गिरदावरी का कार्य पूर्ण हो जाने के पश्चात किसानों से प्राप्त दावा-आपत्तियों का निराकरण तय समय में पूरा करें और प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शासकीय वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिये। इस वर्ष धान की खरीदी गिरदावरी के आधार पर ही की जायेगी। उन्होंने धान की खरीदी के लिये शासन के निर्देशानुसार पीडीएस दुकानों तथा राइस मिलर्स से वारदाना प्राप्त करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ई-कोर्ट में प्रकरणों की प्रविष्टि हेतु अतिरिक्त रीडर्स तथा अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर प्रविष्टि पूर्ण कर ली जाये। उन्होंने व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा के लिये निर्धारित समय अनुसार प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिये और वन क्षेत्रों में निवासरत व्यक्तियों के पूर्व के निरस्त प्रकरणों को भी जांच कर प्रक्रिया में सम्मिलित करने के निर्देश दिये तथा यह भी कहा कि सभी पात्र व्यक्तियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा प्राप्त होना चाहिये और जहां भी वन अधिकार पट्टा प्रदान किया जा रहा है वहां के खसरा में भी इसकी प्रविष्टि हो जानी चाहिये। कलेक्टर श्री सिंह ने रायगढ़ शहर की रिक्त शासकीय जमीनों का सर्वे करने के निर्देश दिये और शहरी क्षेत्र के शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण कर वहां निवास करने वाले व्यक्तियों से शासन द्वारा निर्धारित शुल्क वसूल कर नियमितीकरण किये जाने के लिये नोटिस जारी करने को कहा इसके लिये निवासरत व्यक्ति बैंक से ऋण प्राप्त कर राशि जमा कर सकता है और किश्तों में भी नियमितीकरण की राशि जमा करने का सहमति पत्र प्रस्तुत कर सकता है। कलेक्टर श्री सिंह ने राज्य शासन के निर्देशानुसार 1984 में प्रदान किये गये पट्टों का नवीनीकरण करने के निर्देश दिये, जिन स्थानों पर 1984 में प्रदान किये पट्टाधारी व्यक्ति के स्थान पर अन्य व्यक्ति निवासरत है उनके नाम पर शुल्क वसूलकर पट्टा का नवीनीकरण किया जा सकता है।
कलेक्टर श्री सिंह ने फूड विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीडीएस दुकानों में निर्धारित समय पर राशन उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करें और फूड इंस्पेक्टर अपने क्षेत्र की राशन दुकानों सहित अन्य दुकानों की नियमित जांच नियमों के अनुरूप करते रहे। कलेक्टर श्री सिंह ने पिछले वर्ष में हुई ओलावृष्टि तथा वर्तमान में बाढ़ के कारण हुये नुकसान की राहत राशि वितरण की भी समीक्षा की तथा प्राथमिकता तय करते हुये राहत राशि वितरण के निर्देश दिये। उन्होंने डायवर्सन, भू-भाटक की वसूली तथा फ्र ी होल्ड प्रक्रिया के लिये प्राप्त आवेदन एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी ली।
समीक्षा के दौरान एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा, अपर कलेक्टर श्री आर.ए.कुरूवंशी, रायगढ़ जिला मुख्यालय के सभी राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।
गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में रायगढ़ जिला राज्य में तीसरे पायदान पर
कलेक्टर श्री भीम सिंह के नेतृत्व में हासिल की उपलब्धि
रायगढ़, 26 सितम्बर2020/ शासन की महत्वपूर्ण गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में रायगढ़ जिले ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे राज्य में गोबर खरीदी के मामले में तीसरे पायदान पर है। कलेक्टर श्री भीम सिंह के सतत् मार्गदर्शन और मानिटरिंग से जिले ने यह उपलब्धि हासिल की है। गोधन न्याय योजना के 01 से 15 सितम्बर तक के खरीदी के आंकड़े को देखें तो जिले के 220 गौठानों में 39 हजार 585.49 क्विंटल गोबर खरीदा गया जिसके एवज में पशुपालकों को 79 लाख 17 हजार का ऑनलाइन भुगतान किया गया।
पूरे प्रदेश में 01 से 15 सितम्बर तक 401475.05 क्विंटल गोबर खरीदा गया जिसमें से रायगढ़ जिले में ही 39585.49 क्विंटल की खरीदी की गयी, जो राज्य में इस दौरान हुयी खरीदी का 9.86 प्रतिशत है। प्रति गौठान में औसत खरीदी के लिहाज से देखा जाये तो रायगढ़ जिले में इन 15 दिनों में जिले के 220 गौठानों में प्रति गौठान 179.93 क्विंटल के हिसाब से खरीदी की गयी है।
योजना की शुरुआत से ही कलेक्टर श्री भीम सिंह ने विभागीय अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा कर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की रुपरेखा तैयार की। इसके साथ ही उन्होंने गौठानों का निरीक्षण कर योजना के संचालन को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया। सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की जमीनी स्तर पर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष रूप से प्रयासरत रहने और जिला पंचायत के साथ कृषि विभाग, पशुपालन विभाग व सहकारिता विभाग के समन्वय करने से अधिक से अधिक संख्या में पशुपालकों को जोडऩे, उनका पंजीयन करने और भुगतान हेतु समस्त प्रक्रियाओं को पूर्ण करने का कार्य सफलता पूर्वक किया गया। इन कार्यों की नियमित रिपोर्टिंग लेकर वरिष्ट अधिकारियों ने आ रही समस्याओं और कमियों को दूर किया। मैदानी अमले ने भी अपनी भूमिका का सराहनीय निर्वहन किया जिसका यह परिणाम रहा की रायगढ़ जिले ने पूरे प्रदेश में कुल गोबर खरीदी के मामले में तीसरा स्थान दर्ज किया।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने शासन द्वारा प्रारंभ की गई इस योजना से ग्रामीणों को बड़ा लाभ हो रहा है। यह उनके लिये बिना निवेश के अतिरिक्त आय का जरिया बन रहा है। कोरोना संकट के बीच प्रत्येक 15 दिनों में गोबर बिक्री का भुगतान एक बड़ी राहत की बात है। इस गोबर से गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है। जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के साथ रोजगार के नये अवसर सृजन का दोहरा लाभ मिल रहा है।
फसल कटाई के पश्चात खेतों में बचे फसल अवशिष्ट को जलाये जाने में प्रतिबंध
उल्लंघन करने पर हो सकती है कार्यवाही
रायगढ़, 26 सितम्बर2020/ छत्तीसगढ़ शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा फसल कटाई के पश्चात खेतों में बचे हुए फसल अवशिष्ट को जलाये जाने से प्रतिबंधित किया गया है।
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने उप संचालक कृषि, समस्त एसडीएम एवं जनपद सीईओ को निर्देशित करते हुये कहा है कि जिले में हार्वेस्टर से फसल कटाई, गहाई एवं थ्रेसर से फसल गहाई कर अवशिष्ट एवं पैरा को खेत में छोड़ दिया जाता है, जिसे कृषक जला देते है। जिससे एनजीटी में पारित प्रस्ताव का उल्लंघन होता है। जो भी कृषक ऐसा करते हो तो उन पर कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है।
कलेक्टर श्री सिंह ने ऐसी स्थिति से बचाव के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा है कि कृषक से अवशेष उठाव एवं फसल अवशेष नहीं जलाने की सहमति लेकर ही कटाई करना होगा। कटाई-गहाई पश्चात फसल के अवशेष को एकत्र कर संबंधित कृषकों को सुपुर्द करना होगा। कटाई की सूचना संबंधित क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/कृषि विकास अधिकारी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को देना होगा। खेत में फसल अवशिष्ट का उठाव कर गोठान में भंडारित करने का दायित्व गोठान समितियों की होगी। उप संचालक कृषि जिले में उपलब्ध हार्वेस्टर एवं जिले के बाहर से आने वाले हार्वेस्टर जो जिले में फसल कटाई का कार्य करते है, उक्त शर्तो के तहत पंजीबद्ध कर फसल कटाई की अनुमति प्रदाय करेंगे।